जन्‍म-मृत्‍यु का पंजीकरण

परिवार में किसी शिशु के जन्‍म अथवा किसी सदस्‍य की मृत्‍यु हो जाने पर इसकी सूचना नगर निगम के रजिस्‍ट्रार कार्यालय को देकर पंजीकरण कराया जा सकता है। जन्‍म और मृत्‍यु रजिस्‍ट्रीकरण कराना कानूनन अनिवार्य हैं।

जन्‍म एवं मृत्‍यु पंजीकरण का महत्‍व

जन्‍म एवं मृत्‍यु का पंजीकरण सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिये अनिवार्य है। जन्‍म-मृत्‍यु पंजीकरण से प्राप्‍त सूचनाऐं हमारी योजनाओं के नीति निर्धारण में सहायक होती है।
देश एवं प्रदेश की योजनाओं जैसे शिक्षण संस्‍थाएं खोलने, पेयजल एवं विद्युतीकरण आदि कार्य के निर्माण एवं क्रियान्‍वन हेतु जन्‍म एवं मृत्‍यु के आंकडों का उपयोग किया जाता है।
जन्‍म दर का उपयोग परिवार कल्‍याण कार्यक्रम हेतु एवं मृत्‍युदर एवं शिशु मृत्‍यु दर का उपयोग स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा सेवाओं के विस्‍तार हेतु किया जाता है।
मृत्‍यु के कारणों के आधार पर बीमारियों की प्रवृति एवं क्षेत्र विशेष में किस बीमारी का अधिक प्रकोप है, बारे में जानकारी उपलब्‍ध होती है, जिसके आधार पर चिकित्‍सा सेवाऍं उपलब्‍ध कराई जाती है।

जन्‍म प्रमाण-पत्र के लाभ
जन्म प्रमाण पत्र का इस्तेमाल
1) विद्यालय में प्रवेश हेतु,
2) ड्राईविंग लाईसेन्‍स लेने के लिये,
3) पासपोर्ट पाने के लिये,
4) बीमा पॉलिसी लेने के लिये,
5) राशन कार्ड में नाम दर्ज करवाने के लिए,
6) सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ लेने के लिए कर सकते है।

मृत्‍यु प्रमाण-पत्र के लाभ
मृत्यु प्रमाण पत्र का इस्तेमाल
1) सम्‍पति के उतराधिकारी के लिए,
2) पेंशन एवं बीमा आदि के मामलों को निपटाने के लिए,
3) सम्‍पति दावों को निपटाने के लिए,
4) भूमि के नामान्‍तरण के लिए किया जा सकता है।

जन्‍म व मृत्‍यु पंजीकरण कैसे करवायें?

जन्‍म-मृत्‍यु पंजीयक कार्यालय में जन्‍म-मृत्‍यु की सूचना घटना घटित होने के 21 दिवस की अवधि में परिवार के सदस्‍य या नजदीकी रिश्‍तेदार द्वारा प्रपत्र-1 में (जन्‍म की सूचना) एवं प्रपत्र-2 में (मृत्‍यु की सूचना) भरकर देने पर जन्‍म-मृत्‍यु प्रमाण-पत्र निःशुल्‍क प्राप्‍त किया जा सकता है।