दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना
इस योजना के तहत शहरी गरीबों को सशक्त ,आधारभूत स्तर की संस्थानों में संगठित करने, कौशल विकास के लिए अवसर सृजित करने पर जोर दिया जा रहा है। जिससे बाजार आधारित रोजगार प्राप्त होगा तथा आसानी से ऋण सुनिश्चित करके स्व-रोजगार उद्यम स्थापित करने में सहायता प्रदान की जाएगी।
दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) का मूल विश्वास है कि गरीब लोग उद्यमी होते हैं और उनकी अभिलाषा गरीबी से बाहर निकलने की होती है।
सड़क/ पटरी विक्रेता शहरी जनसंख्या का महत्वपूर्ण अंग हैं जो कि पिरामिड के धरातल पर हैं। सड़क विक्रय स्व-रोजगार का एक स्रोत प्रदान करता है।और इस प्रकार यह बिना प्रमुख सरकारी हस्तक्षेप के शहरी गरीबी उपशमन के एक उपाय के रूप में कार्य करता है।
शहरी आपूर्ति श्रृंखला में उनका प्रमुख स्थान होता है और ये शहरी क्षेत्रों के भीतर आर्थिक विकास की प्रक्रिया के अभिन्न अंग होते हैं।
एनयूएलएम के उप घटक नगरीय फेरी व्यवसायियों के नियमन का उद्देश्य
1) उन्हें अपने कार्य के लिए उपयुक्त स्थल प्रदान करना,
2) संस्थागत ॠण सुलभ कराना,
3) सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना
4) और बाजार के उभरते अवसरों का लाभ उठाने के लिए उनका कौशल बढाना है।
उक्त योजना के क्रियान्वयन हेतु नगर निगम ऋषिकेश द्वारा पायलट प्रोजेक्ट योजना के अंतर्गत शहर के सात विभिन्न स्थानों पर वेंडिंग जोन स्थापित व संचालन किए जाने हेतु कार्यवाही की जा रही है, उक्त स्थलों पर मौजूद सड़क /पटरी /लघु विक्रेताओं का डिजिटल सर्वे कार्य किया जा चुका है। तथा पात्र लाभार्थियों को सरकारी योजना के अनुसार रियायती दरों पर ऋण उपलब्ध कराकर यथाशीघ्र चिन्हित स्थानों पर आधुनिक रेहडी व खोखा आवंटित किया जाएगा।
उक्त कार्य से समस्त फड़/ पटरी विक्रेताओं को रोजगार का अधिकार प्रदान किया जा सकेगा , मुख्य सड़कों की भीड़-भाड़ को व्यवस्थित किया जा सकेगा तथा समूचे शहर को एक आदर्श रूप में विकसित किया जा सकेगा ।
नगर निगम ऋषिकेश का यह प्रयास ऋषिकेश के शहरी गरीबों के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।
दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत वेंडिंग जोन का कार्य गतिमान है
प्रथम चरण की कार्य योजना का सारांश:-
क्र0 सं0 | व्यवसाय का प्रकार | लाभार्थी (संख्या) |
---|---|---|
1 | पथ विक्रेता रेहड़ी | 250 |
2 | आईएसबीटी खोखा | 250 |